लोक नृत्य-कथकली -कला और संस्कृति upsc mains gs paper-1
- carrypedia.com
- Nov 12, 2024
- 3 min read
Updated: Nov 13, 2024
परिचय:

कथकली केरल का एक पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य-नाटक है, जो अपनी विशिष्ट वेशभूषा, मेकअप, और नाटकीय प्रस्तुतियों के लिए प्रसिद्ध है। यह नृत्य शैली मुख्य रूप से महाकाव्यों, पुराणों, और धार्मिक कथाओं पर आधारित होती है।
विशेषताएँ:
वेशभूषा और मेकअप: कथकली नर्तक विस्तृत और रंगीन वेशभूषा पहनते हैं, जिसमें मुखौटे और चेहरे पर विशेष प्रकार का मेकअप शामिल होता है। यह मेकअप नर्तक के चरित्र को दर्शाता है, जैसे कि देवता, राक्षस, या साधारण मनुष्य।
हस्त मुद्राएँ और भाव: कथकली में हस्त मुद्राओं (मुद्राओं) और चेहरे के भावों (रसों) का विशेष महत्व होता है। नर्तक अपनी आँखों, भौंहों, और हाथों के माध्यम से कहानी को प्रस्तुत करते हैं।
संगीत और वाद्ययंत्र: कथकली में पारंपरिक वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि चेंडा, मड्डलम, और इडक्का। संगीत और गायन नृत्य की प्रस्तुति को और भी जीवंत बनाते हैं।
नाटकीयता: कथकली नृत्य में नाटकीयता का विशेष महत्व होता है। नर्तक अपनी शारीरिक मुद्राओं और भावों के माध्यम से कहानी को जीवंत करते हैं।
इतिहास:
कथकली का इतिहास 17वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है, जब यह नृत्य शैली केरल के राजाओं और मंदिरों में प्रस्तुत की जाती थी। यह नृत्य शैली धीरे-धीरे केरल के विभिन्न हिस्सों में लोकप्रिय हो गई और अब इसे पूरे भारत और विश्व में प्रस्तुत किया जाता है।
आधुनिक कथकली:
आजकल कथकली नृत्य को आधुनिक मंचों पर प्रस्तुत किया जाता है और इसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी प्रस्तुत किया जाता है। कथकली नृत्य ने भारतीय सिनेमा और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी पहचान बनाई है, जिससे यह नृत्य शैली और भी लोकप्रिय हो गई है।
महत्व:
कथकली नृत्य न केवल केरल की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विविधता और समृद्धि को भी दर्शाता है। यह नृत्य शैली भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को समझने में मदद करती है।
Here are some sample questions related to the folk dance Kathakali that could be asked in the UPSC exams:
Question: कथकली नृत्य किस राज्य का पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य है?
(a) तमिलनाडु
(b) कर्नाटक
(c) केरल
(d) आंध्र प्रदेश
Question: कथकली नृत्य में मुख्य रूप से किस प्रकार के वाद्ययंत्रों का उपयोग किया जाता है?
(a) तबला और सितार
(b) ढोल और हारमोनियम
(c) चेंडा और मड्डलम
(d) बांसुरी और मृदंग
Question: कथकली नृत्य की प्रमुख विशेषता क्या है?
(a) सरल और धीमी गति
(b) विस्तृत वेशभूषा और मेकअप
(c) धार्मिक और पौराणिक विषय
(d) शास्त्रीय मुद्राएँ
Question: कथकली नृत्य का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
(a) यह भारतीय कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है
(b) यह भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है
(c) यह धार्मिक और पौराणिक विषयों को प्रमुखता देता है
(d) उपरोक्त सभी
Question: कथकली नृत्य में किस प्रकार की मुद्राओं का उपयोग किया जाता है?
(a) हस्त मुद्राएँ और चेहरे के भाव
(b) पैर की मुद्राएँ और शरीर की गति
(c) आँखों की मुद्राएँ और सिर की गति
(d) सभी उपरोक्त
Answer 1.c 2.c 3.b 4.d 5.d
यहाँ कथकली लोक नृत्य से संबंधित कुछ संभावित प्रश्न दिए गए हैं जो UPSC मुख्य परीक्षा में पूछे जा सकते हैं:
कथकली नृत्य का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा करें। इस नृत्य शैली का समय के साथ कैसे विकास हुआ है? (250 शब्द)
कथकली नृत्य की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें। यह नृत्य शैली अन्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों से कैसे भिन्न है? (250 शब्द)
कथकली नृत्य के प्रमुख तत्वों और प्रतीकों का विश्लेषण करें। यह नृत्य शैली किस प्रकार की सामग्री और वाद्ययंत्रों का उपयोग करती है? (250 शब्द)
कथकली नृत्य का भारतीय समाज और संस्कृति में योगदान का मूल्यांकन करें। यह नृत्य शैली भारतीय समाज की विविधता और समृद्धि को कैसे दर्शाती है? (250 शब्द)
समकालीन भारतीय समाज में कथकली नृत्य की प्रासंगिकता पर चर्चा करें। आधुनिक समय में इस नृत्य शैली का क्या महत्व है? (250 शब्द)
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