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रॉड कठपुतलियाँ-कला और संस्कृति upsc mains gs paper-1


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परिचय

रॉड कठपुतलियां (Rod Puppetry) भारतीय पारंपरिक लोक कलाओं में एक महत्वपूर्ण विधा है। यह कठपुतली कला छड़ियों (रॉड) के सहारे कठपुतलियों को चलाने की तकनीक पर आधारित है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में यह कला विभिन्न रूपों में प्रचलित है और पौराणिक, धार्मिक, तथा लोककथाओं को मंच पर प्रस्तुत करने का प्रभावी माध्यम रही है।

रॉड कठपुतलियों की विशेषताएं

  1. तकनीक:

    • कठपुतलियों को नियंत्रित करने के लिए लकड़ी या बांस की छड़ियों का उपयोग किया जाता है।

    • ये कठपुतलियां सामान्यतः बड़ी होती हैं और इनके अंग जोड़ने के लिए लोचदार सामग्री का उपयोग किया जाता है।

  2. पारंपरिक प्रस्तुति:

    • कहानियों को संवाद, संगीत और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

    • मंच के पीछे छिपे हुए कलाकार कठपुतलियों को छड़ियों से नियंत्रित करते हैं।

  3. लोककथाओं और धार्मिक ग्रंथों का प्रदर्शन:

    • रामायण, महाभारत, और अन्य पौराणिक कथाओं का चित्रण होता है।

    • कभी-कभी सामाजिक मुद्दों को भी इस माध्यम से उजागर किया जाता है।

भारत में रॉड कठपुतलियां और उनके क्षेत्रीय रूप

भारत के विभिन्न हिस्सों में रॉड कठपुतलियों की प्रस्तुति के अनूठे तरीके हैं। इनमें कुछ प्रमुख क्षेत्रीय प्रकार हैं:

  1. बीन पटुआ (पश्चिम बंगाल):

    • यह पश्चिम बंगाल की पारंपरिक रॉड कठपुतली शैली है।

    • कथाओं में पौराणिक, धार्मिक और सामाजिक विषय शामिल होते हैं।

    • कठपुतलियों को रंगीन कपड़ों और गहनों से सजाया जाता है।

  2. यामपुरी (बिहार):

    • बिहार की यह शैली कठोर लकड़ी से बनी कठपुतलियों पर आधारित है।

    • इन कठपुतलियों को सीधे छड़ियों से नियंत्रित किया जाता है।

  3. ओडिशा और झारखंड की शैली:

    • यहाँ रॉड कठपुतलियां धार्मिक उत्सवों और मेलों में प्रमुखता से प्रस्तुत की जाती हैं।

  4. मणिपुर की रॉड कठपुतली:

    • मणिपुर की कठपुतलियां सुंदर वेशभूषा और जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध हैं।

    • इनका उपयोग धार्मिक कहानियों और वैष्णव परंपराओं के प्रदर्शन के लिए किया जाता है।

कला का महत्व

  1. सांस्कृतिक संरक्षण:

    • रॉड कठपुतलियां भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर हैं।

    • यह लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  2. शिक्षा और जनजागरूकता:

    • यह कला माध्यम धार्मिक और नैतिक मूल्यों को जनसामान्य तक पहुँचाने में सहायक है।

    • सामाजिक समस्याओं, जैसे बाल विवाह, शिक्षा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी आधारित प्रदर्शन होते हैं।

  3. मनोरंजन:

    • पारंपरिक संगीत, संवाद और नृत्य के माध्यम से यह कला दर्शकों को आकर्षित करती है।

चुनौतियां और संरक्षण के उपाय

  1. चुनौतियां:

    • आधुनिक मनोरंजन साधनों की लोकप्रियता ने इस पारंपरिक कला को हाशिए पर डाल दिया है।

    • कलाकारों को वित्तीय असुरक्षा और सामाजिक मान्यता की कमी का सामना करना पड़ता है।

  2. संरक्षण के उपाय:

    • सरकारी प्रयास:


      कठपुतली कलाकारों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।

    • सांस्कृतिक कार्यक्रम:


      स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इस कला को प्रदर्शित करना चाहिए।

    • प्रौद्योगिकी का उपयोग:


      आधुनिक तकनीकों, जैसे डिजिटल मीडिया, का उपयोग करके इसे अधिक व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया जा सकता है।

निष्कर्ष;-

रॉड कठपुतलियां भारतीय संस्कृति का एक अनमोल हिस्सा हैं। यह न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि जन-जागरूकता और शिक्षा का एक प्रभावी माध्यम भी है। इस पारंपरिक कला के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवित और प्रासंगिक बनी रहे


यूपीएससी मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न,


1.भारत में रॉड कठपुतली कला के क्षेत्रीय विविधताओं का वर्णन करते हुए इसकी सांस्कृतिक और सामाजिक प्रासंगिकता पर चर्चा करें।(Describe the regional variations of rod puppetry in India and discuss its cultural and social relevance.)

  • 2.रॉड कठपुतली कला के संरक्षण के लिए वर्तमान प्रयास और इसमें आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करें।(Discuss the current efforts for preserving the art of rod puppetry and the challenges associated with it.)

    3.लोक कलाओं के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाने में रॉड कठपुतली कला की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत करें।(Present your views on the role of rod puppetry in spreading public awareness through folk arts.)

    4.‘रॉड कठपुतलियां भारतीय परंपरागत कला और आधुनिक मीडिया के बीच एक पुल का कार्य कर सकती हैं।’ इस कथन का विश्लेषण करें।(“Rod puppetry can act as a bridge between traditional Indian art and modern media.” Analyze this statement.)

    5.लोककथाओं और पौराणिक कथाओं के प्रदर्शन में रॉड कठपुतली कला के महत्व और इसे संरक्षण देने के लिए नीतिगत सुझाव प्रस्तुत करें।(Highlight the significance of rod puppetry in showcasing folklore and mythology, and provide policy suggestions for its preservation.)

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यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न,

  • 1.रॉड कठपुतलियों को नियंत्रित करने के लिए मुख्य रूप से किसका उपयोग किया जाता है?

    (a) धागे

    (b) लकड़ी की छड़ियां

    (c) हाथों के इशारे

    (d) पारदर्शी पर्दा

    उत्तर: (b) लकड़ी की छड़ियां

    2.पश्चिम बंगाल में प्रचलित रॉड कठपुतलियों की शैली को क्या कहते हैं?

    (a) यामपुरी

    (b) बीन पटुआ

    (c) रावण छाया

    (d) तोळु बोम्मलाटा

    उत्तर: (b) बीन पटुआ

    3.‘यामपुरी’ नामक रॉड कठपुतली कला किस राज्य से संबंधित है?

    (a) मणिपुर

    (b) बिहार

    (c) ओडिशा

    (d) कर्नाटक

    उत्तर: (b) बिहार

    4.रॉड कठपुतलियों में इस्तेमाल होने वाली कठपुतलियां सामान्यतः किस सामग्री से बनाई जाती हैं?

  • (a) कपड़ा

    (b) लकड़ी

    (c) धातु

    (d) मिट्टी

    उत्तर: (b) लकड़ी

    5.रॉड कठपुतली प्रदर्शन मुख्यतः किन कहानियों पर आधारित होता है?

    (a) पौराणिक कथाएं

    (b) समकालीन सामाजिक मुद्दे

    (c) ऐतिहासिक घटनाएं

    (d) वैज्ञानिक कहानियां

    उत्तर: (a) पौराणिक कथाएं

    6.मणिपुर में रॉड कठपुतली कला किस परंपरा से प्रेरित है?

    (a) बौद्ध धर्म

    (b) वैष्णव धर्म

    (c) शैव धर्म

    (d) जैन धर्म

    उत्तर: (b) वैष्णव धर्म

    7.निम्नलिखित में से किस राज्य में रॉड कठपुतली ‘धना पटुआ’ के नाम से प्रसिद्ध है?

    (a) झारखंड

    (b) पश्चिम बंगाल

    (c) ओडिशा

    (d) बिहार

    उत्तर: (c) ओडिशा

    8.रॉड कठपुतलियों और छाया कठपुतलियों के बीच मुख्य अंतर क्या है?

    (a) कठपुतलियों की सामग्री

    (b) संचालन की तकनीक

    (c) प्रदर्शन का मंच

    (d) पृष्ठभूमि संगीत

    उत्तर: (b) संचालन की तकनीक

    9.कला के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा किस योजना के तहत रॉड कठपुतली कलाकारों को सहायता दी जाती है?

    (a) राष्ट्रीय लोक कला योजना

    (b) गुरु-शिष्य परंपरा योजना

    (c) संस्कृति विकास योजना

    (d) पारंपरिक कला संवर्धन योजना

    उत्तर: (b) गुरु-शिष्य परंपरा योजना

    10.रॉड कठपुतली कला प्रदर्शन के लिए आवश्यक मंच का प्रकार क्या होता है?

    (a) ऊंचा मंच

    (b) खुला मैदान

    (c) पारदर्शी पर्दा

    (d) जलमंच

    उत्तर: (a) ऊंचा मंच

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